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2 रू. के लिए लड़की को जलाया आइसक्रीम के नाम पर जमा हुआ तेल खा रहे हैं आप

2 रू. के लिए लड़की को जलाया
 

हैदराबाद। भूख से बेजार सात साल की बच्ची ने मंदिर के दानपात्र से दो रूपए क्या उठा लिए, वहां आए एक विद्वान ने सारी इंसानियत भूल बच्ची को गर्म सलाख से दाग डाला। तब बच्ची की मां मजदूरी करने गई हुई थी। घटना विशाखापटनम जिले के मधुरावाड़ा स्थित सिद्धेश्वर स्वामी मंदिर की है। पुलिस के अनुसार मंदिर में पूजा के लिए 17 विद्वानों का दल आदिलाबादसे आया था। शाम को पूजा के दौरान 7 साल की श्रीदेवी ने भगवान के सामने रखी प्लेट से दो रूपए उठा लिए। मंदिर के सफाईकर्मी ने बच्ची को पूजा के लिए आए विद्वान आसवन के सामने पेश कर दिया। आसवन ने मंदिर में चोरी को गंभीर अपराध बताते हुए बालिका की दोनों बाहें गर्म सलाखों से दाग दी।

भूख मिटाने को की चोरी
पुलिस का कहना है कि बच्ची की मां सुबह मजदूरी के लिए गई थी। बच्ची दिन भर भूखी थी। कुछ खाना चाहती थी। इसलिए थाली से दो रूपए उठाए थे। काम से लौटी मजदूर मां की शिकायत पर आसवन को पुलिस ने पकड़ लिया। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है।

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आइसक्रीम के नाम पर जमा हुआ तेल खा रहे हैं आप

अगर हम आपसे कहें कि आप आइसक्रीम के नाम पर जो खा रहे हैं, असल में वह आइसक्रीम है ही नहीं तो? चौंकिए मत, हकीकत कुछ यही है। इन दिनों बिक रहे फ्रोज़न डेज़र्ट दिखने और खाने में भले आपको बिल्कुल आइसक्रीम की तरह ही लगेंगे, लेकिन इनमें मिल्क फैट की जगह सब्जियों के फैट का इस्तेमाल किया जाता है। यह कारोबार खूब फल-फूल रहा है। भारत के 1800 करोड़ के आइसक्रीम मार्केट के 40 पर्सेंट हिस्से पर इसका कब्जा है।

ज्यादातर कंस्यूमर्स को इसका अहसास भी नहीं है कि वे जिस आइसक्रीम को इतने चाव से खा रहे हैं, वह वास्तव में आइसक्रीम है ही नहीं। हिंदुस्तान यूनिलीवर की क्वालिटी वॉल्स, वाडीलाल, लाजा आइसक्रीम और क्रीम कैंडी, कोन और कप में आइसक्रीम के बजाय फ्रोजन डेजर्ट बेचते हैं। इसकी शुरुआत सबसे पहले क्वालिटी वॉल्स ने की थी। दो दशकों से भी कम वक्त में इस प्रॉडक्ट ने देश में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, लेकिन फूड अथॉरिटी के अधिकारियों और अमूल एवं मदर डेयरी जैसी ऑरिजनल आइसक्रीम मेकर कंपनियों का मानना है कि आइसक्रीम के नाम पर फ्रोजन डेजर्ट बेचना ग्राहकों को गुमराह करना है।

रीयल आइसक्रीम दूध के फैट से बनती है, वहीं ये फ्रोज़न डेज़र्ट सब्जियों के फैट से तैयार किए जाते हैं, जो करीब 80 पर्सेंट सस्ता पड़ता है। गुजरात फूड ऐंड ड्रग कंट्रोल


एडमिनिस्ट्रेशन कमिश्नर एच.जी. कोशिया ने कहा,'जिस तरह फ्रोजन डेजर्ट की लेबलिंग होती है और जैसे टीवी कमर्शल के जरिए इसकी मार्केटिंग की जाती है, वह बड़ी चिंता का कारण है।' उन्होंने कहा, 'कंस्यूमर्स को यह मालूम होना चाहिए कि दोनों अलग-अलग उत्पाद हैं। फिर उनकी मर्जी, वे जो चुनें।'

आइसक्रीम मेकर जैसे अमूल, मदर डेयरी जो केवल डेरी फैट का इस्तेमाल करते हैं का कहना है कि फ्रोज़न डेज़र्ट बनाने वाली ये कंपनियां इसे आइसक्रीम बताकर लोगों को गुमराह करने का काम करती हैं। मदर डेयरी में (डेयरी प्रॉडक्ट डिविज़न) के हेड मुनीष सोनी कहते हैं, 'लोग इस फ्रोज़न डेज़र्ट को आइसक्रीम समझकर खाते हैं।'

अमूल और मदर डेयरी जैसी कंपनियां आइसक्रीम के लिए सिर्फ डेयरी फैट का इस्तेमाल करती हैं। मदर डेयरी के हेड (डेयरी प्रॉडक्ट डिविजन) मुनीश सोनी ने कहा, 'कंस्यूमर आइसक्रीम समझकर फ्रोजेन डेजर्ट खा रहे हैं।' आइसक्रीम बाजार में सबसे ज्यादा 40 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले अमूल का कहना है कि ये कंपनियां आइसक्रीम के दाम पर कंस्यूमर को फ्रोजन डेजर्ट खिला रही हैं। गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (अमूल) के मैनेजिंग डायरेक्टर आर.एस. सोढ़ी ने कहा, 'कंस्यूमरों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। ये दोनों देखने में तकरीबन एक जैसी हैं। ज्यादातर ब्रैंड बहुत छोटे लेटर में फ्रोजन डेजर्ट के बारे में जानकारी देते हैं।' उन्होंने कहा कि डेयरी फैट की कीमत जहां 300 रुपये प्रति किलोग्राम है, वहीं वेजिटेबल फैट सिर्फ 50 रुपए प्रति किलोग्राम में मिल जाता है।

सेहत को नुकसान नहीं
न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि वेजिटेबल फैट से कोई नुकसान नहीं है। इंडियन कुकिंग में खानेवाले तेल का इस्तेमाल आम बात है, लेकिन यह मिल्क फैट से ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है।

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