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वरिष्ठ नागरिकों को प्राप्त सरकारी सुविधाएँ

वरिष्ठ  नागरिकों  को  प्राप्त  सरकारी  सुविधाएँ

विकसित  देशों  की  भांति  हमारे  देश  की  सरकार  इतनी  सक्षम  नहीं  है  की  वह  देश  में  मौजूद  सभी  वरिष्ठ  नागरिकों  की  आर्थिक  आवश्यकताओं  को  राजकीय  राजस्व  से   पूरा  कर  सके .जिस  कारण  हमारे  देश  में  वृद्धावस्था  को  अपेक्षाकृत  कठिन  बना  दिया  है .निरंतर  बढ़  रही  वृद्धों  की  संख्या  एक  भयंकर  समस्या  के  रूप  में  आ  रही  है  और  देश  के  लिए  भावी  चुनौती  बन  रही  है .अपने  सीमित  साधनों  के  साठ  भी  वरिष्ठ  नागरिकों  को  अनेक  प्रकार  की  सुविधाएँ  सरकार  दे  रही  है ,जिनकी  जानकारी  का  होना  प्रत्येक  बुजुर्ग  के  लिए  आवश्यक  है .ताकि  वे  उनका  लाभ  ले  सकें . अतः  बुजुर्गो  की  जानकारी  के  लिए  सरकारी  सुविधाओं  का  व्योरा  प्रस्तुत  है .

1.साठ  वर्ष  से  ऊपर  प्रत्येक  नागरिक  को  वरिष्ठ  नागरिक  का  दर्जा  प्राप्त  है  ,और  सभी  सरकारी  सुविधाओं  का  हक़दार  है .

2,सभी  बैंकों  में  सावधि  जमा  राशी  पर  वरिष्ठ  नागरिकों  को  सामान्य  ब्याज  दार  से  आधा  प्रतिशत  अधिक  ब्याज   दिया  जाता  है .

3,सभी  वरिष्ठ  नागरिकों  को  रेलवे  के  किराये  में  चालीस  प्रतिशत  छूट  दी  जाती  है .

4,गरीबी  रेखा  से  नीचे  जीवन  यापन  कर  रहे  प्रत्येक  वरिष्ठ  नागरिक  जो  अस्सी   वर्ष  की  आयु  पर  कर  चुके  हैं ,प्रति  माह  पांच  सौ  रूपए  प्रति  माह  पेंशन  दी  जाती  है .

5, आयेकर  विभाग  के  नियम  में  बदलाव  कर  अब  वरिष्ठ  नागरिकों  की  आयु  सीमा  घटा  कर  साठ  वर्ष  कर  दी  गयी  है .अतः  सभी  वरिष्ठ  नागरिक  आयेकर  छूट  का  लाभ  ले  सकते  हैं .उन्हें  आयेकर  की  धारा  88D,88B,तथा  88DDB के  अंतर्गत  छूट  का  पर्व्धन  है .वर्तमान  में  वरिष्ठ  नागरिक  को  अपनी  दो  लाख  पचास  हजार  तक  की  आए  पर  कोई  आए  कर  देय  नहीं  है .

6,अक्षम  वरिष्ठ  नागरिकों  की   शारीरिक  सहायता  एवं  आर्थिक  आवश्यकताओं  की  पूर्ती  की  जिम्मेदारी  उनकी  संतान  (बेटा  हो  या   बेटी  और  पोता  पोती  )पर  डाली  गयी  है .जिम्मेदारी  न  निभाने  वाली  संतान  को   दंड  का  प्रावधान  रखा  गया  है .अतः  माता  पिता  भरण  पोषण  BILL 2007 की  धारा  4(1) के  अंतर्गत  कानूनी  सहायता  ले  सकते  हैं .

7,भारत  सरकार  द्वारा  जनवरी  13-1999 में  बनायीं  गयी  राष्ट्रिय  निति  के  अनुसार  सभी  एयर  लायंस  में  वरिष्ठ  नागरिकों  के  लिए  50% तक  की  छूट  देने  की  व्यवस्था  राखी  गयी  है .

8,बैंकों  ने  वरिष्ठ  नागरिकों  की  आर्थिक  आवश्यकताओं  की  पूर्ती  के  लिए  ,जो  वरिष्ठ  नागरिक  अपने  भवन  के  मालिक  हैं  और  भरण  पोषण  के  लिए  मासिक  आए  का  विकल्प  ढूंढ  रहे  हैं ,उनके  लिए  पंद्रह  वर्षीय  रिवर्स  मोर्टगेज  योजना  चलायी  गयी  है .इस  योजना  के  अंतर्गत  गिरवी  रखे  गए  भवन  में  बुजुर्गों   को  रहने  का  अधिकार  भी  जीवन  पर्यंत  होगा  और  बैंक  से  निर्धारित  राशी  कर्ज  के  रूप  में  मासिक  या  वार्षिक   किश्तों  में  प्राप्त  होती  रहेगी .यदि  पंद्रह  वर्षीय  योजना  के  दौरान  भवन  मालिक  की  मौत  हो  जाती  है  तो  बैंक  भवन  को  नीलाम  कर  अपना  बकाया  यानि  कुल  कर्ज  और  उस  पर  ब्याज  सहित  वसूल  कर  लेगा ,शेष  राशी  उसके  उत्तराधिकारियों   को  दे  देगा .यदि  उत्तराधिकारी  बैंक  के  सभी  बकाये  को  स्वयं  चुका  देता  है  तो  भवन  को  नीलाम  न  कर  उत्तराधिकारी  को  सौंप  दिया  जायेगा  .

9,भारत  सरकार  ने  परिवार  से  विरक्त  बुजुर्गों  के  प्रवास  के  लिए  प्रत्येक  शहर  में  कम  से  कम  एक  वृद्धाश्रम  बनाने  की  स्वीकृति  दे  दी  है .

10, सरकारी  बसों  में  कुछ  सीटें  वरिष्ठ  नागरिकों  के  बैठने  के  लिए  आरक्षित  राखी  जाती  हैं ,ताकि  सीटों  के  अभाव  में  बुजुर्गों  को  खड़े  होकर  यात्रा  करने  को  मजबूर  न  होना  पड़े .

11,सभी  पब्लिक  काउंटरों  पर  महिलाओं  की  भांति  ,वरिष्ठ  नागरिकों  के  लिए  अलग  लाइन  काउंटर  तक  पहुँचने  की  व्यवस्था  है .

12,जीवन  बीमा  निगम  ने  जीवन  धारा  योजना  ,जीवन  अक्षय  योजना ,सिनिअर  सिटिजन  यूनिट  योजना , मडिकल  इंश्योरंस  योजना  जैसी  अनेकों  योजनाये  बुजुर्गों  के  हितों  को  ध्यान  रखते  हुए  चलायी  जा  रही  हैं .

13,भूत  पूर्व  प्रधान  मंत्री  श्री  अटल  बिहारी  बाजपेई   ने  बुजुर्गों  के  लिए  अन्नपूर्णा   योजना  बनायीं  थी .जिसके  अंतर्गत  प्रति माह  दस  किलो  अनाज  मुफ्त  देने  का  प्रावधान  किया  गया  है .

14, जो  बुजुर्ग  समय  रहते  अपने  उत्तराधिकारी  अथवा  रिश्तेदार  को  उपहार  स्वरूप  या  फिर  उनका  हक़  मानते  हुए  अपनी  संपत्ति  उन्हें  स्थानांतरित  कर  देते  है  परन्तु  बाद  में  अपने  भरण  पोषण  एवं  स्वास्थ्य  सम्बन्धी  अवश्यक्तों  के  लिए  धन  पाने  में  असफल  रहते  हैं  तो वे  त्रिबुनल  में  अपील  कर  अपनी  जायदाद  वापस  ले  सकते  हैं ,संपत्ति  हस्तांतरण  रद्द  करवा  सकते  हैं .



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